आजकल भारत के हर एक एग्जाम में आप सुनते ही होंगे की चोरी करते हुए यह आदमी पकड़ा गया। या तो आप न्यूज़पेपर में देखते होंगे कि दूसरे की सीट पर बैठकर एग्जाम दे रहे थे, और पकड़ा गया। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने परीक्षा में हो रही धांधली को रोकने के लिए एक नया विधेयक लेकर आ रही है। इस विधेयक का मकसद परीक्षा में हो रही धांधली को रोकना है और परीक्षा को और भी ट्रांसपेरेंसी बनाना है। केंद्र सरकार द्वारा लाई गई यह विधेयक Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024 है।
Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Bill, 2024
केंद्र सरकार ने या विधायक एग्जाम में हो रही धांधली और नकल को रोकने के लेकर आई है। इस बिल का उद्देश्य अनुचित साधन’ (Unfair Means) को रोकना है। इस बिल के सेक्शन 3 में बताया गया है कि कोई भी व्यक्ति एग्जाम में क्वेश्चन पेपर या आंसर की लीक करना, क्वेश्चन पेपर को चुराना या छुपाना, उसपर कोई निशान लगाना, आंसर शीट से छेड़छाड़ अथवा उस पर कोई निशान लगाना, परीक्षा के दौरान किसी अनाधिकृत व्यक्ति द्वारा सवाल का जवाब बताना, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर से कैंडिडेट की मदद करना यह सभी Prevention of Unfair Means Bill, 2024 के अंदर आएंगे।
नकल करने पर कौन सी सजा दी जाएगी
लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 सेक्शन 2(K) मैं बताए गया है कि कोई भी व्यक्ति अगर नकल करते हैं पक्का जाता है तो उसे 3 से 5 साल तक की सजा दी जाएगी साथ ही 10 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। और अगर नकल करने वाले व्यक्ति सजा की राशि चुकाने में असमर्थ है तो उसे कोई अतिरिक्त सजा दी जाएगी।
इन लोगों को होगी 10 साल की सजा और एक करोड रुपए की जुर्माना
लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 के सेक्शन 10 (2) में साफ-साफ कहा गया है, कोई भी सर्विस प्रोवाइडर जो कंप्यूटर रिसोर्स के साथ छेड़छाड़ करेगा अथवा कोई भी सामान करें जो की नकल की श्रेणी में आते हैं सप्लाई करेगा तो उस पर एक करोड रुपए तक का जमाना लगाया जाएगा। साथ ही इसमें न्यूनतम 5 साल की सजा होगी और इसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है।