हाल ही में किसानों ने भारत सरकार से अपनी मांग पूरी करने के लिए प्रदर्शन चालू कर दिया है। साथ ही इस बार किसानों ने दिल्ली चलो नारे के साथ अपना प्रदर्शन चालू किया है। किसान भारत को WTO (World Trade Organization) से बाहर निकालने की मांग कर रहे हैं साथ ही किसान भारत को FTA (Free trade Agreement) खत्म करने की भी मांग कर रहे हैं।
देखना होगा कि भारत सरकार किसानों की मांग मानते हैं कि नहीं। आइए उससे पहले जानते हैं कि आखिर WTO और FTA क्या होता है।
आखिर WTO और FTA क्या होता है।
WTO यानी कि विश्व व्यापार संगठन, जो कि एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है। जिसकी स्थापना 1 जनवरी 1995 को बड़े बड़े देशों के द्वारा की गई थी। जिसका एक सदस्य भारत भी है। विश्व व्यापार संगठन (wto) के सदस्य अपने देशों में किसानों को तय मात्रा से अधिक सब्सिडी नही दे सकता है। साथ ही वह देश अपने किसानों को एमएसपी (msp) तय करने की कोई गारंटी नहीं दे सकता है।
इसके साथ ही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) किसी भी दो देश, एक देश और देशों के समूह या किसी संगठन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होता है जिसके तहत दोनों देश एक दुसरे के बीच बिना टैक्स, सीमा शुल्क आदि के व्यापार कर सकता है।
आखिर किसान भारत के WTO से बाहर निकालने की मांग क्यों कर रहे हैं
भारत के किसानों का मानना है कि विश्व व्यापार संगठन (WTO) और फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) से स्वदेशी कंपनियों या व्यापार संगठनों को नुकसान होता है। किसानों का भी यही कहना है कि FTA से भारत के किसानों को नुकसान होता है। इसलिए उनकी मांगे है को भारत WTO से बाहर आ जाए।