Bombay High Court: बॉम्बे हाईकोर्ट ने हाल ही में एक केस के सुनवाई के दौरान एक फैसला दिया कि एक सास अपनी बहू के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत कर सकती है लेकिन, महिला के relatives जैसे कि भाई और पिता पर केस नहीं कर सकती है।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि 2005 अधिनियम महिलाओं को सभी प्रकार की घरेलू हिंसा से बचाने के लिए बनाया गया था। कोर्ट ने अपने फैसले में आगे कहा कि “हालांकि डीवी अधिनियम का उद्देश्य एक महिला को घरेलू हिंसा से बचाना है, लेकिन यह एक सास को डीवी अधिनियम के तहत अपने बहू के पिता और भाई पर मुकदमा चलाने का चलाने का अधिकार नहीं देता है।
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क्या हैं पूरा मामला
यह पूरा मामला घरेलू हिंसा का हैं। जिसमे याचिका का नाम जरीना है। उन्होंने घरेलू हिंसा को लेकर केस दर्ज किया था।
इस महिला के अनुसार इसकी 2016 में शादी हुई और इसके बाद इसको घरेलू हिंसा का शिकार बनना पड़ा। इसलिए इस महिला ने अपने पति और उसके परिवार के खिलाफ आईपीसी की धारा 498ए के तहत एफआईआर दर्ज कराई । साथ ही उसने मजिस्ट्रेट से भी संपर्क किया और अपने पति, ससुर, देवर और भाई के खिलाफ डीवी अधिनियम के तहत मामला दर्ज करवाया।
इसके बाद महिला की सास ने उसके पिता और उसके भाई के खिलाफ डीवी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया। महिला ने इस केस को चुनौती देने के लिए कोर्ट में अपील की।